देश के नील गगन पर
संकट की जब घटा छाती है
ऐसे में नेहरू चाचा
तेरी याद बहुत आती है।
वो तेरा ओजस्वी चेहरा
वो तेरी ओजस्वी वाणी
परीक्षा की अग्नि में तप कर
निखर गए थे तुम सेनानी।
जब इतिहास की स्वर वीणा
तेरे गीतों को गाती है
ऐसे में नेहरू चाचा
तेरी याद बहुत आती है।
समय करोड़ों पृष्ठ बदल कर
नई दिशाएं अपनाएगा
पर ऐसे मानवतावादी को
यह विश्व कहां पाएगा।
अहिंसा के सीने पर जब-जब
हिंसा गोली बरसाती है
ऐसे में नेहरू चाचा
तेरी याद बहुत आती है।